Saturday, June 6, 2020

SOCH - Dubai Based Uttarakhandi pushing hard for IVR in local Languages





गढ़वाली- कुमाउँनी भाषा में आई.वी. आर होने के फायदे:
1. गढ़वाली - कुमाऊनी भाषाओ का प्रचार-प्रसार होगा |
2. दूसरे राज्य के लोगो को हमारी भाषाओ के बारे में पता लगेगा |
3. यह कदम गढ़वाली- कुमाऊनी को राज्य भाषा का दर्जा एवं संविधान के आठवे अनुसूची  में शामिल करने में सहायक सिद्ध होगा।
4. ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे लोगो को ( जो हिंदी/अंग्रेजी नहीं समझते) अपनी भाषा में जानकारिया प्राप्त करने में आसानी होगी ।
5. मोबाईल कम्पनिया भी अपने ग्राहको अच्छी ग्राहक सेवा दे पाएंगी।
6. ग्राहक जब ग्राहक सेवा अधिकारी से गढ़वाली या कुमाऊनी में बात करना चाहेंगे तो वो कर पाएंगे और इसके लिए इन दोनों भाषाओ में निपुण कर्मचारी ही नियुक्त होगा , जाहिर है जो की उत्तराखंड का रहने वाला ही कोई युवक/युवती होंगे ।
7. उत्तराखंड के ग्रामीण युवाओ को भी रोजगार मिलेगा ।
8. इसके लिए कुछ कॉल सेण्टर शायद पहाड़ो में भी खोले जा सकेंगे और पलायन पर भी रोक लगेगी ।

ये कदम शायद भविष्य में हमारी भाषाओ को राज्य भाषा का दर्जा एवं संविधान के आठवे अनुसूची  में शामिल करने लिए सहायक हो |शायद इस से एक नयी शुरुवात हो ,ये हमारी भाषाओ के लिए बड़े सम्मान की बात होगी, और ये कदम लाखो उत्तराखंडियों की मुख पर जरूर मुस्कान लाएगी |

आशा है आप मेरे इस विचार पर गौर करेंगे , आपके उत्तर की प्रतीक्षा में |प्रणाम |



धन्यवाद

सोच - "सोशल आर्गेनाइजेशन फॉर कनेक्टिंग हैप्पीनेस" उत्तराखंड)


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