Tuesday, June 27, 2017

हैप्पी स्टेप्स - खुशियों के कदम - सोच सोसाइटी के द्वारा एक पहल - आईये खुशियों को जोड़े


प्रणाम दोस्तो
इस भागदौड़ भरी जिंदगी में सब दौड़ रहें है | हर कोई व्यस्त है लेकिन हम जानते हैं सब के भीतर एक अच्छा करने की "सोच" भी है | बस आपकी उन्ही अच्छी सोचो को हम "सोच सोसाइटी " जीवंत रूप देने की कोशिश कर रहे हैं |
कुछ समय से "सोच " संस्था के सदस्यों ने ये नोटिस किया की हमारे आस -पास ऐसे काफी लोग हैं जो नंगे पाँव इस तपती , जला देने वाली धुप में चलते हैं | उनके पास चप्पल , जूते ना होने के सैकड़ो कारण हो सकते हैं जो की शायद हम नहीं समझ सकते |
नंगे पांव चलने के कारण उनके पाँव कट जाते हैं, गहरे घाव बन जाते हैं और अब आने वाले बारिश के महीने के कारण वही घाव छोटे से बड़े हो जाते हैं | हो सकता है शायद ऐसी वजह से ना जाने कितने लोगो को अपने पाँव भी गंवाने पड़े हो |
दोस्तों हम जितने भी लोग ये पोस्ट पढ़ रहे होंगे 80 फीसदी मध्यम वर्ग से आते हैं ,जरूर हम इतने सम्पन्न नही कि हम बहुत बड़े स्केल पर लोगों की मदद कर पाएं मगर इस तरह की छोटी छोटी कोशिशे उनको थोड़ी सी खुशियां दे सकता है और उस ख़ुशी का उनके लिए क्या मोल है ये शायद शब्दों में बयान नही किया जा सकता |

तो बस इसी एक छोटी सोच के साथ हमने " हैप्पी स्टेप्स " नाम की एक मुहीम चलाने का निर्णय लिया कि हम कुछ चप्पलें खरीदेंगे और कोई जरूरत मंद दिखे तो उसे देंगे | जितना हम से बन सकता था कुछ लोगों तक हमने खुशियों को जोड़ने की एक छोटी सी कोशिस की जो आपके साथ साझा कर रहे हैं |
दोस्तों हमारी ये "हैप्पी स्टेप्स" मुहिम आगे भी जरूरतमन्दों की जरूरतों को देखते हुए जारी रहेगी | अगर आप भी इसमें अपना सहयोग देना चाहते हैं तो हमें मैसेज करे या कमेंट करे |आइये सब साथ मिलकर मानवता का भाव लिए कुछ न कुछ करते रहें |
हमसे जुड़ने के लिए हमारे पेज को लाइक करे या हमें ईमेल करे |
sochconnectinghappiness@gmail.com
धन्यवाद
-टीम सोच "उत्तराखंड"

The beginning of the " JanmVriksh" movement by SOCH Society - आओ मिलकर इस धरा को बचाएं

Hi Friends,
SOCH organization has started the movment called "JanmVriksh", that every member connected with this institution will definitely plant a tree on its birthday. Wherever they are living or doing anything, he/she must have to plant a tree on his/her birthday.
In addition, if a new guest is born to the family of “SOCH Society” member, then a tree will be planted in the happiness of the arrival of the younger guests. Then the member will have to send “SOCH Society” his own self to the plant and send it to us. Later, we will post that picture on this page of our “SOCH Society”. Your thoughts and initiatives will definitely bring a smile on the face of "Mother Nature" - Mother Earth. Your pursuit of happiness from nature will definitely bring colors.
Let's make this "Janmvriksh movement" a success. If you agree with our Movment,

, then share this post as much as possible so that we all can give some happiness to our "mother nature".
"आओ हम सब मिलर अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं,
आओ मिलकर इस धरा को बचाएं"
"आवा डाला लगावा, ईं धरती बचावा,
अप्डू जल्मबार - जरा यादगार बणावा "|

-SOCH " Social Organization For Connecting Happiness"- Uttarakhand

सोच संस्था (उत्तराखंड) के द्वारा जन्मवृक्ष आंदोलन की शुरुवात - आओ मिलकर इस धरा को बचाएं


सोच संस्था ने "जन्मवृक्ष आंदोलन " नामक आंदोलन की शुरुवात करकेे ये प्रण लिया है की इस संस्था से जुड़ा हर एक सदस्य अपने जन्मदिन पर एक पेड़ जरूर लगाएगा | वो चाहे कंही भी रहता हो , कुछ भी करता हो ,उसे अपने जन्मदिन पर एक पेड़ जरूर लगाना होगा | इसके साथ-साथ सोच संस्था के सदस्य के परिवार में अगर किसी नए मेहमान का जन्म होता है ,तो नन्हे मेहमान की आने की ख़ुशी में भी एक पेड़ लगाया जायेगा | फिर उस सदस्य को उस पौधे के साथ अपनी सेल्फी (चित्र ) लेकर हमें भेजना होगा | बाद में हम उस चित्र को अपने सोच संस्था के इस पेज पर पोस्ट करेंगे | आपकी ये सोच और पहल "माँ प्रकृति" - माँ धरा" के मुख पर मुस्कान जरूर लाएगा | प्रकृति से खुशियों को जोड़ने की आपकी ये मुहीम जरूर रंग लाएगी |
सोच संस्था की इस आंदोलन का नाम "जन्मवृक्ष आंदोलन " है |
आइये इस आंदोलन को सफल बनाये |
अगर आप हमारी इस आंदोलन से सहमत हैं तो इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करे ताकि हम सभी "माँ प्रकृति " को कुछ खुशियाँ दे पाए|
"आओ हम सब मिलर अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं,
आओ मिलकर इस धरा को बचाएं"
"आवा डाला लगावा, ईं धरती बचावा,
अप्डू जल्मबार - जरा यादगार बणावा "



धन्यवाद -
सोच - सोशल आर्गेनाइजेशन फार कनेक्टिंग हैप्पीनेस

ग्रामीण स्वरोजगार मिशन - पलायन को रोकने की सोच सोसाइटी एवं गढ़माटी संगठन की एक कोशिश


प्रणाम दोस्तों
दिनांक 10 अप्रैल 2017 को ग्राम सुनार गाँव टिहरी गढ़वाल में सोच सोसाईटी ने उत्तराखंड की एक
काबिल बेटी रंजना रावत की ऐतिहासिक मुहीम स्वरोजगार मिशन (जिसमे उन्होंने मशरूम फार्मिंग करके इस चीज को न केवल सफल बनाकर दिखाया है अपितु न जाने कितने लोगों को इससे जोड़कर उनको रोजगार का जरिया देकर उनको।स्वाबलंबी बनाने का काम।किया है और उनका ये मिशन जारी है) का समर्थन कर के उनके सानिध्य में लोगों को मशरूम फार्मिंग की जानकारियां बांटी जिसमें कि स्थानीय लोगों ने बढ़ चढ़ के हिस्सा लिया और इस मुहिम से लोगों को होने वाले फायदे को भी समझा और हमारी इस कोशिस को भी आशीर्वाद दिया
पहाड़ों से पलायन होने की एक।सबसे बड़ी वजह रोजगार के संसाधनो का बड़ा अभाव भी है और इस तरह की कोशिशें पलायन को रोक।सकती हैं
दोस्तों एक जिम्मेदार संस्था होने के नाते समाज से जुड़े हर पहलुओं के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हुए सोच सोसाइटी मानवता के भाव को लेकर समाज को खुशहाल और सम्रद्ध बनाने के लिए कृतसंकल्पित है
सोच सोसाइटी आगे भी ऐसी कोशिसे जारी रखेगी
हमारा ये मानना है कि छोटी छोटी कोशिशें और सभी के सहयोग से बहुत बड़े बड़े काम हो।सकते हैं
अगर आपको हमारी ये कोशिस अच्छी लगी और आप भी समाज के लिए मानवता के लिए कुछ करना चाहते हैं तो आपका स्वागत है आइये सब साथ मिलकर एक स्वस्थ और समृद्ध समाज का निर्माण करें |


धन्यवाद
टीम सोच
SOCH (social organization connecting happiness )

Reverse Migration - A Initiative by SOCH Society & Gadhmati Sangathan in Uttarakhand

Greetings Friends!



On 10th April 2017, Village SunarGaun in Tehri Garhwal has witnessed a historical event enabled by SOCH(Social organization for Connecting Happiness). With the support of SOCH - an endeavor to promote self-employment, the proud daughter of Uttarakhand Ranjana Rawat (Of Fame - Mushroom Farming who made it quite popular among many people to make themselves self-employed and self reliant and still continuing to live with her this passion) has shared her knowledge amongst many others. The event was extremely successful with the encouraging number of participants. We are glad to inform this sincere and honest effort of SOCH was blessed for all success in reciprocation.
SOCH believes that one among the biggest reason of migration from hills is lack of employment and nothing else but these kinds of initiatives can be a deterrent.
Friends, we are aware and abide by the fundamental principle of promoting the humanity and hence making this world Happier and prosperous.
SOCH will continue to thrive on with these sorts of initiatives.
Well, if you may have liked our effort and you too wanted to do something for the betterment of humanity in our society, you are welcomed. Please come and join us to make this world healthy and flourished with the essence of humanity.

With thanks
Team SOCH (Social organization Connecting Happiness)