दोस्तों प्रणाम
हम किसी को सब कुछ तो नही दे सकते लेकिन हम अपनी क्षमता के अनुरूप किसी जरूरतमन्द की छोटी सी भी मदद कर रहे हैं तो शायद ये बहुत बड़ी बात है ।
इसी सोच के साथ सोच संस्था को जब टिहरी जिले के कलेथ गाँव में रहने वाले जब एक परिवार के बारे में पता लगा जँहा पिता दिगंबर सिंह जो की बहुत गरीब होने के साथ -साथ गूंगे और बहरे हैं, और जिनकी बेटी "मनीषा" भी गूंगी और बहरी है । इस पूरे परिवार में दिगंबर सिंह की पत्नी और बाकी दो बेटियां भी गूंगे और बहरे हैं ।
मनीषा जो की सबसे बड़ी है उसकी शादी 19/11/2017 को हुई जिसके लिए इस परिवार को कुछ आर्थिक सहायता चाइये थी । सोच संस्था को जब इसके बारे में पता चला तो इस पूण्य कार्य में सोच संस्था ने उनको थोड़ी सी आर्थिक मदद देने के लिए छोटी सी मुहीम चलाई जिसमे बहुत से महानुभावो ने सहयोग किया और यह मुहीम सफल हुई और SOCH संस्था ने ये छोटी सी मदद लड़की के पिता को दी । सभी दान दाताओ ने मनीषा की शादी के लिए एक तरह से दान दिया |

सोच संस्था की खुशियों को जोड़ने की कोशिश रंग लायी और दिनाक 19/11/2017 को मनीषा की शादी सभी पहाड़ी रीती -रिवाज़ो से संपन्न हुई।
हम सब (आप और हम ) खुशियों को बस जोड़ (Connect) भर सकते हैं , देने वाला तो ईश्वर है ।
इसी सोच के साथ सोच संस्था को जब टिहरी जिले के कलेथ गाँव में रहने वाले जब एक परिवार के बारे में पता लगा जँहा पिता दिगंबर सिंह जो की बहुत गरीब होने के साथ -साथ गूंगे और बहरे हैं, और जिनकी बेटी "मनीषा" भी गूंगी और बहरी है । इस पूरे परिवार में दिगंबर सिंह की पत्नी और बाकी दो बेटियां भी गूंगे और बहरे हैं ।
मनीषा जो की सबसे बड़ी है उसकी शादी 19/11/2017 को हुई जिसके लिए इस परिवार को कुछ आर्थिक सहायता चाइये थी । सोच संस्था को जब इसके बारे में पता चला तो इस पूण्य कार्य में सोच संस्था ने उनको थोड़ी सी आर्थिक मदद देने के लिए छोटी सी मुहीम चलाई जिसमे बहुत से महानुभावो ने सहयोग किया और यह मुहीम सफल हुई और SOCH संस्था ने ये छोटी सी मदद लड़की के पिता को दी । सभी दान दाताओ ने मनीषा की शादी के लिए एक तरह से दान दिया |
सोच संस्था की खुशियों को जोड़ने की कोशिश रंग लायी और दिनाक 19/11/2017 को मनीषा की शादी सभी पहाड़ी रीती -रिवाज़ो से संपन्न हुई।
हम सब (आप और हम ) खुशियों को बस जोड़ (Connect) भर सकते हैं , देने वाला तो ईश्वर है ।
सोच संस्था सभी दान दाताओ को सहृदय धन्यवाद करती है , प्रणाम ।
कुल मिलाकर Rs.23152 सोच संस्था की तरफ से दिए गए जिसमे से Rs 18452 चेक और बाकी Rs.4700 मनीषा भूली के खाते में सीधे दानदाताओ द्वारा भेजे गए |
कुल मिलाकर Rs.23152 सोच संस्था की तरफ से दिए गए जिसमे से Rs 18452 चेक और बाकी Rs.4700 मनीषा भूली के खाते में सीधे दानदाताओ द्वारा भेजे गए |
हमारा निरन्तर प्रयास रहेगा हम इस तरह के प्रयासों को जारी रखें अगर आपको हमारी सोच अछ्छी लगी हो और आप भी मानवता के लिए कुछ करना चाहते हैं तो आपका स्वागत है ।
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-SOCH
Social Organization for Connecting Happiness
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